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कविता

क्या जरूरत थी?

रेखा चमोली


तेज बारिश हुई तो
निकल आए केंचुए
सैकड़ों की संख्या में
बिखर गए बरामदे में
घुस गए तखत के नीचे
जूते चप्पलों पर हो गए सवार

नाली के रास्ते
जा पहुँचते हैं किचन में

कभी-कभी नल से
पानी भरने पर
बाल्टी में भी दिख जाते हैं

इनमें से कितने
बच पाते होंगे?
क्या वापस जा पाते होंगे
क्यारियों, खेतों में
क्या जरूरत थी?
अपनी जमीन छोड़ने की।

 


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